Tuesday, 6 November 2007

एक औचित्य विहीन निर्णय !

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श्रम और श्रमिक के महत्त्व का निर्वाह किसी भी देश की प्रगति के लिए अपरिहार्य रुप से आवश्यक होता है और इस क्रम में श्रमिक संगठनों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण होती है। एक स्वस्थ संगठन में छ्मता होती है, और होनी ही चाहिऐ, कि वह श्रमिकों की रक्छा और सुरक्छा का भरपूर ध्यान रख सके। यदि ऐसा नहीं होता है तो श्रमिकों के हितों की हानि होती है, कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है, और समूचा संगठन अवनति के कगार पर पहुंच जाता है। देश की प्रगति, श्रमिक वर्ग की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा सभी कुछ इस बात पर निर्भर है कि संगठन किस प्रकार से अपनी भूमिका का निर्वाह स्वस्थ एवं स्वक्ष रुप से करता है।

स्टेट बैंक आफ इंडिया स्टाफ असोसिएशन राष्ट्रीय स्तर पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण संगठन है और अपनी गौरव गाथा का पूर्ण शतक पूरा करने के अति निकट है। ....tobe continued..

4 comments:

Anonymous said...

It agree, it is the amusing answer

Garv said...

It is something in better interest of the workers and the labour class

Garv said...

Hindi article looks very nice

myso said...

I join the author of the above comment.

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